द्रव यांत्रिकी

 

द्रव यांत्रिकी

 " तरल के स्थिर व गतिमान अवस्थाओं में भौतिकी के सिद्धांतों के आधार पर तरलों के व्यवहार का अध्ययन करने वाली भौतिकी की शाखा तरल यांत्रिकी कहलाती है  "

 जैसे कि :-

  • किसी बर्तन में पड़ा पानी या डैम के सहारे रोका हुये पानी के व्यवहार का अध्ययन
  • किसी नहर में बह रहा पानी या बड़ी नदियों में बह रहे पानी के व्यवहार का अध्ययन

द्रव यांत्रिकी की शाखायें 

द्रव यांत्रिकी की निम्नलिखित शाखाएं होती हैं।  

  1. तरल स्थैतिकी 

" द्रव यांत्रिकी की इस शाखा के अंतर्गत हम स्थिर द्रव के व्यवहार का अध्ययन करते हैं। "

जैसे की :- 

    • बर्तन में पड़ा पानी 
    • डैम के सहारे रोका गया पानी 
    • सागर मे पड़ा पानी

 2. तरल गतिकी

 "तरल गतिकी के अंतर्गत हम बह रहे द्रव के प्रवाह व उस पर लगने वाले बल आदि सब का तरल यांत्रिकी के सिद्धांतों के आधार पर अध्ययन करते हैं "

 जैसे कि :-

    • किसी नहर में बह रहा पानी {गुरुत्वाकर्षण बल के कारण यहाँ दाब में अंतर के कारण}
    •  नदी में बह रहा पानी {गुरुत्वाकर्षण बल के कारण यहाँ दाब में अंतर के कारण}

3. तरल गतिज

" तरल गतिज के अंतर्गत हम बह रहे द्रव के वेग व प्रवाह के रूप आदि के व्यवहार का अध्ययन तरल यांत्रिकी के सिद्धांतों के आधार पर करते हैं परन्तु द्रव पर लगने वाले बलों का अध्ययन नहीं करते।" 

जैसे :-

    • किसी नहर में बह रहा पानी {कौन सा बल शामिल हैं इसकी परवाह किए बिना}
    • नदी में बह रहा पानी {कौन सा बल शामिल हैं इसकी परवाह किए बिना}

तरल पदार्थ

"तरल ऐसे पदार्थ होते है जो बह सकते हैं और हल्का सा कर्तन बल लगने पर उस समय तक विरूपित होते जाते हैं जब तक कर्तन बल को हटाया नहीं जाता इन्हें जिस बर्तन में रखा जाता है यह उसी बर्तन का आकार ले लेते हैं । 

तरल के प्रकार

तरल को दो प्रकार में विभाजित किया जा सकता है

1. आदर्श तरल

 "आदर्श तरल की श्यानता शून्य होती है वह इन्हें दबाया नहीं जा सकता यह अपने विस्थापन में कोई प्रतिरोध प्रस्तुत नहीं करते । "

2. वास्तविक तरल 

" वास्तविक तरल  उन तरल पदार्थों को कहते हैं जिन के कणों को गति या विस्थापन में कुछ न कुछ प्रतिरोध अवश्य अनुभव होता है सभी तरह के मौजूदा तरल व्यापारी के वास्तविक तरल होते हैं इनमें तल तनाव या श्यानता जैसे गुण होते हैं और इन्हें दबाया भी जा सकता है । "

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